आईओसी की तेल पाइप लाइन में अवैध वाल्व लगाकर तेल चोरी

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दौसा। मथुरा-सलाया आईओसी तेल पाईप लाईन मे चोरी का मामला सामने आया है। दौसा जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के कालवान गांव के समीप एक खेत मे तेल पाईप लाईन मे वॉल्व लगा कर तेल चोरी करने का प्रयास किया गया, जिसके चलते हजारो गैलन क्रूड आॅयल खेत मे फैल गया।

खेत मे भारी मात्रा मे बिखरे कु्रड आॅयल के चलते आग लगने की संभावना को देखते हुए जिले भर से कई फायर बिग्रेड की गाड़ी को मौके पर बुला तेल पाईप लाईन की मरम्मत करवाई गई। बिती रात आईओसी के पट्रोलिंग गार्ड ने जब कालवान गांव के समीप क्रुड आॅयल बिखरा देखा तो तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना दी।

इस पर रात को ही पुलिस मौके पर पहुंची और सुबह जेसीबी के माध्यम से आस-पास के क्षेत्र की खुदाई की तो वहां नीचे एक पाइप और अवैध वाल्व लगा मिला। इस पर आईओसी के अधिकारियों ने तकनीकी कर्मचारियों को बुलाकर पाइप लाइन की मरम्मत कराई।

इधर, घटना की सूचना पर मानपुर पुलिस उपाधिक्षक पुनमचंद विश्राई, मानपुर थाना अधिकारी बनवारी मिश्रा, सब इंस्पैक्टर हजारी लाल सहित अनेक पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा आईओसी के डीजीएम एस के जैन भी मौके पर पहुंचे। आईओसी अधिकारी इरफान अली ने तेल चोरी करने वाले अज्ञात लोगो के खिलाफ  मानपुर थाने मे मुकदमा दर्ज कराया है।

गौरतलब है की इण्डियन आॅयल कॉरपोरेशन की लाईन से तेल चोरी करने के मामले मे दौसा अतिसंवेदनशील है। दौसा मे अब तक आॅयल चोरी की दर्जनो वारदात हो चुकी है वही दौसा पुलिस ज्यादातर तेल चोरी के मामलों का खुलासा नही कर सकी है।

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दुल्हा आया घोड़ी पर सवार, और दुल्हन ने किया शादी से इनकार

दौसा। दुल्हा और घोड़ी एक दूसरे के पूरक हैं, बगैर घोड़ी के दूल्हा भी अधूरा लगता है और वैसे भी हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह दुल्हा बन घोड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हनियां को लेने पहुंचे। लेकिन एक दुल्हे को घोड़ी पर सवार होना उस समय महंगा पड़ गया, जब वह घोड़ी चढ़कर तोरण मारने पहुंचा तो ऐन वक्त पर दूल्हन ने शादी से इन्कार कर दिया।

यह सब हुआ राजस्थान के दौसा में, जहां तीन बहिनों की एक साथ शादी थी। इस शादी में दो दुल्हे तो मोटर में सवार होकर आए थे, जबकि तीसरा दुल्हा घोड़ी चढ़कर आया तो बात बिगड़ गई और दुल्हा बैरंग लौट गया। इधर दुल्हे के बैरंग लौटने के बाद दुल्हन मण्डप के नीचे बैठकर शादी की बाट जोह रही है। इस उम्मीद के साथ की मामले में सुलह हो जाए और शायद बात बन जाए। इधर, बात बिगड़ने के बाद परिजनों ने इस मामले में दुल्हे पक्ष पर दहेज का आरोप लगाते हुए पुलिस में रिर्पोट दी है।

दरअसल, शहर के लालसोट रोड स्थित बावरिया की ढाणी में प्रहलाद बावरिया की तीन बेटियों की शादी थी। 28 नवम्बर को प्रहलाद की बड़ी बेटी की बारात दौसा से, उससे छोटी की बारात बस्सी से तथा सबसे छोटी बेटी की बारात बड़ा गांव से आई थी। प्रहलाद बावरिया ने तीनों पक्षों से बारात बिना घोड़ी के लाने की गुजारिश की। बड़ी दो बेटियों के दुल्हे मोटर मे सवार होकर आये और हंसी-खुशी शादी की सभी रस्में पूरी करा दुल्हनों को अपने साथ ले गये।

प्रहलाद की सबसे छोटी बेटी के लिए बड़ा गांव से आया दुल्हा दुल्हन पक्ष की परम्पराओं के खिलाफ  घोड़ी पर सवार हो आया। घोड़ी पर दुल्हे के सवार होकर आने की बात को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि बारात बगैर दुल्हन के ही वापस लौट गई। बारात के वापस लौट जाने से घर मे शादी का माहौल गम मे तब्दील हो गया। घर मे बारात के लिए बना खाना रखा रह गया। दुल्हन के हाथों पर सजी मेहंदी समाज की रूढीवादी परम्परा और दहेज की भेट चढ़ गई।

अशिक्षित बावरिया परिवार अब भी दुल्हे के परिजनों को मनाने मे लगे है। इसी आशा मे आज तक घर के आंगन मे मण्डप दुल्हे का इन्तजार कर रहा है। दुल्हन के दादा मूलचन्द ने आरोप लगाया कि दुल्हा घोड़ी लेकर दरवाजे तक आया था, लेकिन वह तीन लाख रुपए और बाईक की मांग करने लगा। दुल्हन के पिता की आर्थिक स्थिती ठीक नही होने के कारण दहेज की मांग पूरी नहीं कर सके और दुल्हा यहां से बिना फेरे लिये ही फरार हो गया।

दुल्हन की मां साबु देवी ने बताया तीन लाख नकद और बाईक की मांग करने वाले दुल्हे के खिलाफ पुलिस मे भी शिकायत दे दी है, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कारवाई नहीं की है। इस मामले को अब सामाजिक स्तर पर निपटाने का प्रयास किया जा रहा है।

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल, दौसा में बढ़ा चिकनपोक्स का प्रकोप

दौसा। केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा भले ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इन तमाम योजनाओं की उस समय कलई खुल गई, जब जिला मुख्यालय की ही एक ढाणी में चिकनपोक्स से पीड़ित करीब बीस बच्चे पाए गए। इस ढाणी में पिछले कई बरसों से टीकारण ही नहीं हुआ, जिसके कारण बच्चों को चिकनपोक्स ने अपनी चपेट में ले लिया।

चिकनपोक्स जिसे राजस्थान में माता के रूप में देखते हैं एवं रूढ़ीवादी परम्पराओं के चलते बच्चों के हाथों में दवा के बजाय चाकू लेकर बीमारी से लड़ने का प्रयास किया जाता है ठीक वैसे ही यहां का आलम है। इन बच्चों को तेल और चिकनाईयुक्त खाना नहीं दिया जा रहा है और ना ही इन्हे स्नान आदि कराया जा रहा है। दर्द से कराहते ये बच्चे जानकारी के अभाव में इस बीमारी से जूझ रहे हैं।

गौरतलब है कि क्षेत्र को चिकनपोक्स मुक्त माना जा रहा है और चिकनपोक्स के मामले बहुत कम ही सामने आते हैं, लेकिन जिस तरह जिला मुख्यालय की एक ढाणी में यह मामला सामने आने के बाद विभाग की कार्यशैली को संदेह के घेरे में ला दिया है। इस बात की जानकारी मिलते ही चिकित्सा विभाग की टीम गांव में पहुंची और बच्चों की जांच पड़ताल के बाद उनमें चिकनपोक्स होने की पुष्टी की। गुरूवार को यहां चिकित्सा विभाग की विशेष टीम आकर गांव में टीकाकरण करेगी। 

दौसा रेलवे ट्रैक के समीप जम्बूरा की ढाणी में चिकनपोक्स ने पांव पसार दिए है। यहां पिछले दो माह से बच्चों को चिकनपोक्स ने अपनी चपेट में ले लिया है। पिछले कई वर्षो से इस ढाणी में टीकाकरण तक नहीं किया गया है, जिसके कारण इस ढाणी के राहुल, कविता, सुरेन्द्र, सपना, गोलू, राहुल, विजेन्द्र, अभिषेक, सीमा, सन्नो, आशा, रोहित, रोशन, कष्णावतार सहित करीब बीस बच्चे शामिल है।

जम्बूरा की ढाणी निवासी मीठालाल ने बताया कि करीब सबसे पहले कष्णावतार को शरीर में फुन्सियां होनी शुरू हुई उसके बाद एक कर बच्चे इसकी चपेट में आते गए। अब तक करीब बीस बच्चों को यह बीमारी हो चुकी है और बीमारी का फैलना जानी है।

रूढ़िवादी परम्पराएं :चिकनपोक्स को राजस्थान में माता के रूप में देखते है और उसी के अनुरूप यहां आज भी रूढ़ीवादी परम्पराएं कायम है। चिकनपोक्स से पीड़ित परिवार के सदस्य मीठालाल का कहना है कि ऐसा ही कुछ उनके यहां भी किया जा रहा हैं, जिसमें बच्चों को तेल या चिकनाई से बनी चीजें नहीं दी जाती और ना ही स्नान आदि कराया जाता है। बच्चों को उपरी हवाओं से बचाने के लिए हाथों में चाकू आदि पकड़ा दिया जाता है और उसे अकेला नहीं छोड़ते।

स्कूल जा रहे चिकनपोक्स से पीड़ित बच्चे :चिकनपोक्स से पीड़ित बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूलों में जा रहे हैं,  जिससे यह बिमारी फैलने का अंदेशा बढ़ गया है। हालांकि एहतियात के तौर पर अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा, लेकिन शिक्षकों के दबाव बनाए जाने के बाद बच्चे फिर से स्कूल जाने लगे हैं।

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रास्ते की बात पर लाठी-भाटा जंग में दो दर्जन से अधिक घायल

दौसा। एक गांव में रास्ते की बात को लेकर एक समुदाय के दो पक्षों में विवाद हो गया। धीरे-धीरे विवाद झगड़े के रूप में बदल गया और दोनों पक्षों में लाठी-भाटा जंग शुरू हो गई। इस लाठी-भाटा जंग में दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। इत्तला मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भिजवा कर समझाइश के बाद मामला शांत करवाया।

मिली जानकारी के अनुसार दौसा जिला के सिकन्दरा इलाके में स्थित कैलाई गांव की मालियों की ढ़ाणी में कुछ महिनों से खेत के अन्दर से रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। इस संबंध में डेढ़ महिने पहले तहसीलदार ने इस खेत में से रास्ते निकालने की अनुमति दे थी। जिस पर ग्रामीणों ने वहां से आना-जाना शुरू कर दिया। इसी दौरान पप्पू लाल आज सुबह करीब 7.30 बजे ट्रैक्टर लेकर वहां से गुजर रहा था, इस दौरान कुछ लोगों ने पप्पू को रोका और पत्थर फैकना शुरू कर दिया।

इसके बाद दूसरे पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंचें और दोनों पक्षों के बीच रास्तें की बात को लेकर विवाद हो गया और एक ही समुदाय के दो पक्षों में लाठी-भाटा जंग हो गई। लोगों ने एक दूसरे में पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। इस लाठी-भाटा जंग में दोनों पक्षों के करीब 26 लोग घायल हो गए, जिनमें से 5 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

इत्तला मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को एम्बुलेंस की सहायता से सिकन्दरा अस्पताल भिजवाया। जहां डॉक्टरों ने सभी घायलों को दौसा रैफर कर दिया। पुलिस ने बताया कि अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया है, पुलिस ने समझाइश के बाद मामला शांत करवा दिया। इस संबंध में दोनों पक्षों ने क्रास एफआईआर दर्ज कराई है, पुलिस ने दोनों मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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