राजस्थान
डॉक्टरों को अपने घर के बाहर लगाना होगा फीस का बोर्ड
जयपुर। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में पदस्थापित चिकित्सक शिक्षकों के द्वारा उनके निवास स्थान अथवा क्लिनिक पर रोगियों को देखने के लिये उनके द्वारा लिये जाने वाले निर्धारित परामर्श शुल्क का बोर्ड निवास स्थान या क्लिनिक पर अनिवार्य रूप से लगाकर निर्धारित शुल्क ही वसूलने के निर्देश दिये हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्यों को समस्त चिकित्सक शिक्षकों को उनके निवास स्थान या क्लिनिक पर रोगियों को देखने के लिए निर्धारित परामर्श शुल्क अंकित कर बोर्ड लगाने के लिए निर्देशित करने के लिये कहा गया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एक अन्य आदेश के अनुसार सवाई मानसिंह मेडिकल काॅलेज प्राचार्य को चिकित्सक शिक्षको को आंवटित राजकीय आवासों का भौतिक सत्यापन करवाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही चिकित्सक शिक्षक से राजकीय आवास में परिवार सहित निवास करने का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर विभाग को 5 दिवस में भिजवाया जाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
चिकित्सक शिक्षकों द्वारा आवंटित राजकीय आवास के बजाय अन्यत्र निवास कर आवंटित राजकीय आवास का वाणिज्यिक उपयोग करने बाबत् शिकायत प्राप्त होने पर चिकित्सा मंत्री ने यह निर्देश दिये।
रोडवेजकर्मी की आज रहेंगे हड़ताल पर
जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम प्रबन्धन ने 30 अप्रेल को श्रमिक संगठनों द्वारा प्रस्तावित हडताल को देखते हुये आमजन से अपील की है कि आवश्यक कार्य होने पर ही यात्रा करें। निगम प्रबन्धन द्वारा सभी कर्मचारियों से हडताल से दूर रहने व जन-सामान्य के लिये बसों को पूर्ण रूप से संचालित कर आमजन को असुविधा नहीं हो, के सम्बन्ध में अपील की, लेकिन हडताल के आव्हान को देखते हुये बसों का संचालन प्रभावित होने व रास्ते में श्रमिक संगठनों द्वारा बस के रोके जाने की स्थिति में पेरशानी हो सकती है।
केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किये गये “सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक-2015“ में किये जा रहे प्रावधानों के विरूद्ध राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के संगठनों के सयुंक्त मोर्चा एटक, भामस, सीटू व इन्टक द्वारा 30 अप्रेल को एक दिवसीय हडताल पर जाने का आव्हान किया गया है।
निगम मुख्यालय में निगम प्रबन्धन की बैठक में जनता को होने वाली परेशानी के मद्देनजर 30 अप्रेल को अपने कार्य पर उपस्थित होने तथा बसों का सुचारू रूप से संचालन करने एवं रोडवेज कर्मचारियों द्वारा श्रमिक संगठनों के अखिल भारतीय एक दिवसीय हडताल में नहीं जाने के लिये अपील की है तथा निर्णय लिया है कि प्रबन्धन “काम नहीं तो वेतन नहीं“ का सिद्धान्त अपनायेगा।
आगामी शिक्षा सत्र गुणवत्ता को समर्पित होगा : देवनानी
जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य में आगामी शिक्षा सत्र गुणवत्ता को समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के विकास की नींव श्रेष्ठ शिक्षा ही है और शिक्षा की नींव प्रारंभिक शिक्षा है। उन्होंने ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को प्रारंभिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के साथ ही नामांकन वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और निजी के मुकाबले सरकारी विद्यालयों में अभिभावकों की विश्वास वृद्धि के लिए गंभीर प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी यह सुनिष्चित करे कि अपने-अपने ब्लाॅक में कहीं पर भी किसी विद्यालय में सौ से कम बच्चे नहीं हों। उन्होंने कहा कि जो ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी नामांकन बढ़ाने, नियमों पर चलते हुए विद्यालयों के विकास में योगदान देगा, सरकार उसे सम्मानित करेगी।
देवनानी यहां राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में आयोजित प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक, जिला शिक्षा अधिकारियों एवं ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला नहीं बल्कि प्रारंभिक शिक्षा की समीक्षा और योजना बैठक है। ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा से जुड़े कार्यों के बहुआयामों को समझें। वे समय पर पाठ्य-पुस्तकों के वितरण, विद्यालय विकास समितियों के सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय जैसे अभियानों की गंभीरता को समझते हुए विद्यालयों में प्रभावी वातावरण निर्माण के सहभागी बनें। उन्होंने विद्यालय विकास समितियों से जनप्रतिनिधियों को जोड़ने के साथ ही ब्लाॅक स्तर पर भामाशाहों के सहयोग से विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इस बात पर शिक्षा अधिकारियों को आत्म-चिंतन करने की जरूरत है कि सरकारी विद्यालयों में योग्य एवं कुशल शिक्षकों का चयन होता है, सरकार विद्यार्थिंयो को निजी के मुकाबले बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराती और उनका परिसर भी निजी के मुकाबले बड़ा ओर बेहतर होता है, फिर क्या ऐसा कारण है कि नामांकन निजी विद्यालयों के मुकाबले कम होता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के साथ विद्यालयों में बच्चों का ठहराव भी तभी सुनिष्चित होगा जब अध्यापक समय पर आएंगे और गुणवत्तापूर्ण षिक्षा विद्यालयों में प्रदान करेंगे।
देवनानी ने कहा कि नवीन शिक्षा सत्र में सभी को मिलकर यह प्रयास करने की जरूरत है कि अभिभावकों का रूझान सरकारी विद्यालयो में अपने बच्चों के दाखिले का हो। जब सरकारी विद्यालय में प्रवेश पूर्ण हो जाए तब वे निजी की ओर रूख करे। इसके लिए ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को निरीक्षण व्यवस्था दुरस्त करने की भी जरूरत है। निरीक्षण करते समय वह सरकारी विद्यालयों की कमियों को प्रकट ही नहीं करे बल्कि स्वयं उन कमियों को दूर करने में अपनी भूमिका भी निभाएं। उन्होंने प्रवेशोत्सव को बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयास के रूप में मनाने, विद्यालयों में शिशु वाटिकाओं के निर्माण और बेहतर वातावरण के लिए प्रयास किए जाने पर जोर दिया। देवनानी ने कार्यशाला में ‘स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय’ लघु फोल्डर का भी विमोचन किया।
ख्वाजा साहब का 803वां उर्स सम्पन्न
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 803वें उर्स में बुधवार को बड़े कुल की रस्म सुबह 7:30 बजे से 10 तक अदा की गई। रस्म के दौरान आस्ताना आम जायरीनों के लिए बंद रखा गया। खुद्दामे ख्वाजा ने मजार शरीफ पर गुस्ल की रस्म को अंजाम दिया । दरगाह परिसर में विभिन्न स्थानों की जायरीनों ने गुलाबजल और केवड़ाजल के पानी से धुलाई की।
बड़े कुल की रस्म अदा होने के साथ ही ख्वाजा साहब का 803वां उर्स सम्पन्न हुआ और जायरीनों के तेजी से लौटने का सिलसिला शुरू हो गया। उर्स में कुल की रस्म में शामिल होने के लिए आए जायरीनों ने मंगलवार रात से ही दरगाह में कुल के छींटे शुरू कर दिए थे।बुधवार सुबह तक यह सिलसिला चलता रहा और जायरीन पानी को बोतलों में भरकर साथ ले गए।
पाकिस्तानी जायरीनों को सिम बेचने वाले पर मुकदमा दर्ज
अजमेर। पाकिस्तानी जायरीनों को सिम बेचने वाले प्रकरण की जांच उपअधीक्षक नेम सिंह को दी गई है। पाकिस्तानी जत्थे में शामिल जायरीन ख्वार शहजाद, अंजुम शहजाद, शेख परवेज तथा ताज मोहम्मद ने प्रधान डाकघर (जीपीओ) के सामने वाले दुकानदार से चार सिम खरीदी थी ।
कोतवाली थानाप्रभारी जितेन्द्र गंगवानी ने बताया कि यह थड़ी अजयनगर स्थित सतगुरु कॉलोनी निवासी सुरेश कुमार की है। सुरेश कुमार ने तीन पाकिस्तानी जायरीनों ख्वार, अंजुम तथा शेख को तो पहले से चालू सिम दी थी और एक पाक जायरीन ताज मोहम्मद को नई सिम दी थी । दस्तावेज के नाम पर शेख परवेज ने उसकी वीजा की कॉपी दी थी। एक व्यक्ति के वीजा की कॉपी पर चारों को सिम दी गई ।
सीआईडी जोन के उपनिरीक्षक नरेन्द्र शर्मा की शिकायत पर दुकानदार सुरेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
एनएसयूआई के छात्रों ने किया बोर्ड कार्यालय पर प्रदर्शन
अजमेर। परीक्षक पर दबाव डालकर मनचाहे अंक दिलवाने के मामले में एनएसयूआई के छात्रों ने सोमवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यालय पर हंगामा किया।
छात्रों ने बोर्ड अध्यक्ष बी.एल. चौधरी के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया। छात्रों ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
एनएसयूआई के छात्र नेता सुनील लारा, मोहित मल्होत्रा, यूथ कांग्रेस के लोकेश शर्मा और अन्य छात्र दोपहर को बोर्ड कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अध्यक्ष बी.एल. चौधरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा कि परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले ही बोर्ड की छवि खराब हो रही है।
राज्य में सुनियोजित ढंग से शिक्षा माफिया गिरोह काम कर रहा है। राज्य सरकार और बोर्ड के चाक-चौबंद सुरक्षा के दावों की पोल खुल गई है। लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए बोर्ड को पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच करवानी चाहिए।
राजस्थान और पर्यटन एक-दूसरे के पर्याय : वसुंधरा राजे
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने एटीएफ पर लगने वाले वैट पर बड़ी रियायत दी है, ताकि हवाई यात्राएं सस्ती हों और राजस्थान एयर ट्रैफिक का हब बन सके। सरकार ने इस वर्ष पर्यटन विभाग के बजट में भी 100 फीसदी की वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान और पर्यटन एक-दूसरे के पर्याय है। राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही नई ट्यूरिज्म यूनिट पॉलिसी ला रही है। राजस्थान पर्यटन विभाग, भारत सरकार के मंत्रालय और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से आयोजित ग्रेट इंडियन ट्रैवेल बाजार के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए राजे ने कहा कि पर्यटन का अर्थव्यवस्था में विषेश स्थान है।
बिना हेलमेट होने पर अब नहीं मिल सकेगा बीमा क्लेम
जयपुर (गोविन्द तिवाड़ी)। राजस्थान में अब बिना हेलमेट वाहन चलाते समय दुर्घटना होने पर बीमा क्लेम लेने में दिक्कतें आ सकती हैं। अब पुलिस प्राथमिकी रिपोर्ट (एफआईआर) में ही साफ लिखेगी कि दुर्घटना में मृतक या घायल ने हेलमेट पहना था या नहीं। शीघ्र ही राजस्थान पुलिस इस बारे में निर्देश जारी करेगी।
प्रदेश में बिना हेलमेट दुपहिया वाहन सवारों की मौत और घायलों की बढ़ती संख्या पर अंकुश के लिये ये पहल की जा रही है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने बताया कि दुपहिया सवार के हेलमेट के बारे में प्राथमिकी रिपोर्ट में उल्लेख होगा। इस बारे में शीघ्र ही आदेश जारी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में यातायात नियम पालन नहीं करने पर बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम के भुगतान में मुश्किल आती है। सेंट्रल फोर रोड सेफ्टी की कॉर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि एक मई से प्रदेशभर के सात संभाग क्षेत्रों में दुपहिया सवार दोनों लोगों को और नगर पालिका स्तर पर चालक को हेलमेट पहनाना अनिवार्य होगा।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी हेलमेट अनिवार्य करवाने के प्रयास किए जा रहे है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2014 में 10,289 की मौत, 27,453 घायल हुए इनमें से करीब 65 प्रतिशत दुपहिया सवार थे और इनमें भी अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था।
नियम विरूद्ध खनन से ग्रामीणों को जान- माल का खतरा
खदान के मलबे में दबा एनीकट। |
बिजौलिया (जगदीश सोनी)। उपखण्ड के ग्रामदानी गांव हेमनिवास में नियमों को दरकिनार कर किए जा रहे खनन से ग्रामवासियों की जान सांसत में है। हेमनिवास ग्राम के बाशिंदों ने बताया कि सालासर स्टोन नाम से हुए एग्रीमेंट में खनन के दोैरान किए जा रहे ब्लास्टिंग से अब तक कई मवेशियों की मौत हो चुकी है। ब्लास्टिंग के पत्थर मकानों पर आकर गिरते हैं, जिससे कभी भी जानमाल का नुकसान होने की संभावना है।
उक्त खदान के समीप से ही निकल रहे नाले पर राज्य सरकार ने एक एनीकट भी बनवाया हुआ है, लेकिन खदान मालिक द्वारा खदान का मलबा डालने से एनीकट पुरी तरह मलबे में दब चुका है। नाले में मलबा भर जाने से मवेशियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
नियमों के मुताबिक कोई भी एग्रीमेंट सड़क, नदी-नाले, आबादी व हाई टेंशन लाइन से 45 मी. दूरी पर होना आवश्यक है। जबकि खदान के ऊपर से विद्युत लाइन गुजर रही है और सतकुडिय़ा-तिलस्ंवा रोड़ व आबादी के एकदम समीप है। उक्त खदान का नक्शा भी गलत है, जो मूल नक्शे से मेल नहीं खाता है। इसके बावजूद भी खान विभाग व पटवारी की मिलीभगत से नियमों को धत्ता बताते हुए उक्त खदान एग्रीमेंट कर दी गई। एग्रीमेंट में सुप्रीम कोर्ट व ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की भी खुल कर अवहेंलना की गई है।
सच्चाई जानने के लिए जब खनिज विभाग के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया जाता है तो अधिकारी बात करने से भी कतराते हैं। ग्रामवासियों ने उपखण्ड अधिकारी को जनसुनवाई में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग भी की।